तुम्हारा मीठा चुम्बन
चंद्र मोहन किस्कूसँभालकर रखा है
एक टुकड़ा आसमान
एक बरसने वाला बादल
एक सुहावनी बयार वाली गोधूलि
एक ठंडी शाम
एक मीठा पूर्णिमा का प्रकाश
सुबह की नवकिरण
चिड़ियों का कलरव
कोयल का गीत
हमारे प्यार का साक्षी
गुलमोहर की पेड़
पहाड़ी झरने का
ठण्डा पानी
और हृदय की
श्रेष्ठ जगह में रखा है
मेरे गाल पर तुम्हारा
मीठा चुम्बन।
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