तरक्क़ी
ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश'साहब ने स्कूल के मैदान में लगे पौधों की हालत देख कर पूछा, "मंत्रीजी! यहाँ पौधे चल जाएँगे? न चारदीवारी है ना कोई और इंतज़ाम। और आप ने वृक्षारोपण पर २ लाख रुपए लगा दिए।"
"जी सर! इन की सुरक्षा का पूरा इंतज़ाम किया गया है। इस के चारों और ४ बाय ४ की खाई खुदवा दी है ताकि इन पौधों को जानवर न खाने पाए।"
"अच्छा," साहब गुस्से में बोले, "यह खाई भी JCB से खुदवाई है जब कि मनरेगा के अनुसार यह कार्य आदमियों से करवाया जाना था?"
"जी साहब!'' कहते हुए सचिव ने एक गड्डी साहब के जेब में रख दी और साहब यह कहते हुए चुपचाप चलते बने, "काम बहुत अच्छा हो रहा है मंत्रीजी। शाबाश! ऐसे ही काम करते रहो। जल्दी तरक्की करोगे..!"