शुभकामनाएँ . . .
डॉ. देवराज
स्वाधीनता का सूर्य
नष्ट करे
हमारे भीतर छिपे
पराधीनता के अँधेरे को
जला डाले
हमारे अंतर्मन की
ऊर्जस्वी तार्किक चेतना पर
निरंतर हमलावर
कायरता को
धर्मांधता को
असहिष्णुता को।
स्वाधीनता का सूर्य
उगाए
हमारी आत्मा के खेत में
प्रतिरोध की भाषा
ताकि
लड़ाई में कूद सकें हम
निडर भाव से
अन्याय के विरुद्ध।
स्वाधीनता का सूर्य
जगाए
सच्चा राष्ट्र-प्रेम
हममें
जन-मन में
भर दे
अलंकृत कोमल मानवता
अनुकरणीय मनुष्यता
चरित्र में
जीवन में!