रोते रहते
संजीव ठाकुररोंदूमल जी रोंदूमल
रोते रहते रोंदूमल
बात कोई हो या न हो
बस रोएँगे रोंदूमल!
मम्मी ने टॉफ़ी न दी
पापा ने कॉफ़ी न दी
फिर तो बात बतंगड़ कर
रोएँगे ही रोंदूमल!
किसी से मुँह की खाएँगे
चाहे ख़ुद धकियाएँगे
अपने मन की न कर पाए
तो रोएँगे रोंदूमल!