क्वांटम एंटैंगल्ड
अशोक गुप्ता
जहाँ भी जाओ
चाहे कितनी भी दूर
इस ब्रह्माण्ड में
या फिर उससे भी आगे
अगर तुम
ज़रा सी भी
एक प्लैंक भी हिलोगी
मुझे मालूम हो जायेगा
क्योंकि मैं भी
अनायास
उतना ही हिल जाऊँगा
(1 प्लैंक = 1.6/00000000000000000000000000000000000 मीटर)