कविता क्या है . . .
डॉ. मंजू कोगियाल
नयनों में जो अश्रु बहा दे कविता है
व्यथित हृदय को जो सला दे कविता है।
अंतस वीणा को जो झंकृत कर दे कविता है
मानस में जो संवेदना भर दे कविता है॥
जीवन का संगीत बने वह कविता है
बालाओं का जो गीत बने वह कविता है।
यौवन का शृंगार बने वह कविता है
अधरों की मुस्कान बने वह कविता है॥
राष्ट्र का सम्मान बढ़ाए वह कविता है
वीरों में उत्साह जगाए, कविता है।
समर भूमि में विजय दिलाए, कविता है
वतन पर मिटना जो सिखाए, कविता है॥
सरिताओें में जो आकुलता भर दे, कविता है
विहंगों में जो कलरव भर दे, कविता है।
खलिहानों को जो महकाए, कविता है
‘मधु’ से भी जो मधुर लगे, वह कविता है॥
मनुज में जो चेतनता भर दे, कविता है
संस्कृतियों का संगम कर दे, कविता है।
अप्रत्यक्ष को प्रत्यक्ष बताए, कविता है
लेखक का सम्मान बढ़ाए, कविता है॥