इस सदी का बच्चा

26-12-2015

इस सदी का बच्चा

अनिरुद्ध सिंह सेंगर


बच्चा खिलौने से खेलता
बोतल से पीता दूध
तरसता माँ के आँचल को

बच्चा

चाय की गुमठी में
धोता जूठे कप-गिलास
बालश्रम का उड़ाता उपहास

बच्चा

हाथ में लिये कटोरा
मुँह पर लिये याचना
हृदय में लिये वेदना
माँगता भीख

बच्चा

ऊँट दौड़ का हिस्सा
रोज़गार बन गया है
मनोरंजन का व्यापार बन गया है

बच्चा

जिसकी पीठ पर
बोझ बन गया बस्ता
बच्चे के पास
अब नहीं बची किलकारी
जिसमें ब्रह्माण्ड दिखता था

बच्चा

अब नहीं माँगता
खेलने के लिए चन्द्र खिलौना
चाँद में भी अब उसे दिखती है रोटी

बच्चा

हँसते हुए कँपता है
बच्चा
बच्चा होने से डरता है।

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