इम्तिहान के दिन आये

01-04-2022

इम्तिहान के दिन आये

मुकेश बोहरा ’अमन’ (अंक: 202, अप्रैल प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

इम्तिहान के, 
दिन आये, 
दिल लगाकर तुम पढ़ो। 
 
ज़िन्दगी के, 
हर क़दम पर, 
आगे-आगे तुम बढ़ो॥1॥
 
साल भर की इस फ़सल का
स्वाद मीठा होता फल का। 
 
आज होता है फ़ैसला, 
आने वाले दौर कल का॥
 
तोड़ डालो, 
मिथक सारे, 
अब नया कुछ तुम गढ़ो॥2॥
 
रोशनी है हर तरफ़ बस, 
ज्ञान ही है यहाँ ख़ुदाई। 
 
ज्ञान की आँखें खुलेगी, 
दूर होगी हर बुराई॥
 
बस उजाला, 
मंज़िलें है, 
अमन पथ पर तुम चढ़ो। 
 
ज़िन्दगी के, 
हर क़दम पर, 
आगे-आगे तुम बढ़ो॥3॥

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