है मन मेरा
तनु प्रिया चौधरीमन है मेरा
इस ओस के भँवर में
कुछ ख़्वाहिशें और पिरोने का
मन है मेरा
लिखूँ और कुछ पंक्तियाँ
और उन पंक्तियों पर
बार-बार दिल खोने का
मन है मेरा
कम्बल के नीचे
स्याही वाली एक क़लम
और काग़ज़ कोरा लेकर सोने का
मन है मेरा
काग
कोरे काग़ज़ पर
स्याही का रंग बोने का
स्याही के रंग में
ख़ुद के मन को रचने का
मन है मेरा
कहीं गुम जाने का
है मन मेरा
मेरे मन को पाने का
मेरे मन में बस जाने का!