हाथों की चंद लकीरों में . . .
चंद्रभान सितारे
क्या रखा है हाथों की चंद लकीरों में
शौर्य तुममें है, ना कि इन शमशीरों में
चल उठ, अब जाग, कुछ कर दिखा
निर्माण कर तू, अपने भविष्य का
संकल्प कर, कुछ कर दिखाने का
यूँ दास ना बन अपने नियति का
नामुमकिन को अब तू मुमकिन कर
क्या किये, क्या कर सकते थे, दफ़न कर
क्या करना है, उसका तू प्रयत्न कर