आँखों में छुपा रखा है

15-09-2021

आँखों में छुपा रखा है

पूनम चन्द्रा ’मनु’ (अंक: 189, सितम्बर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

पतझड़ के मौसम में 
बहारों को सजा रखा है 
उसने एक ख़्वाब को
आँखों में छुपा रखा है 
 
धुँध की चादर को 
ख़ुद पर ओढ़ कर 
उसने ख़ुद को 
दुनिया से छुपा रखा है 
 
कहीं सुन ले न कोई 
कहने से 
उसने कहानी को 
किताबों में छुपा रखा है
 
पतझड़ के मौसम में 
बहारों की सजा रखा है 
उसने एक ख़्वाब 
आँखों में छुपा रखा है 

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