रत्नकुमार सांभरिया
जन्म: जनवरी 06, 1956
शिक्षा: एम.ए., बी.एड., बी.जे.एम.सी.
कृतियाँ:
कहानी संग्रह–
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हुकम की दुग्गी
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काल तथा अन्य कहानियाँ
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खेत तथा अन्य कहानियाँ
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दलित समाज की कहानियाँ
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एयरगन का घोड़ा
एकांकी संग्रह– समाज की नाक
नाटक– वीमा, उजास, भभूल्या
लघुकथा संग्रह–
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बाँग और अन्य लघुकथाएँ
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प्रतिनिधि लघुकथा शतक
आलोचना– मुँशी प्रेमचन्द और दलित समाज
अनुवाद– डॉ. अम्बेडकर : एक प्रेरक जीवन का अरबी-सिंधी में अनुवाद। डॉ. अम्बेडकर के जीव पर अरबी-सिंधी लिपि में विश्व की पहली पुस्तक। कहानियों, लघुकथाओं और नाटकों का अंग्रेज़ी, मराठी, पंजाबी, सिंधी, गुजराती, उड़िया सहित अन्य भाषाओं में अनुवाद। "Thunderstorm Dalit Stories”, U.K. London की Company Hachette India द्वारा प्रकाशित। जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल-2016 में लोकार्पण और चर्चा।
लगभग 30 शोधार्थी शोधरत। देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में कहानियाँ एवं नाटक सम्मिलित, नाटकों का मंचन।
सृजन: देश की अधिकांश स्थापित पत्रिकाओं में कहानियाँ, लघुकथाएँ और समीक्षाएँ प्रकाशित। "मैं जीती" कहानी पर टेली फ़िल्म।
सम्मान:
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नवज्योति कथा सम्मान
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सहारा समय कथा चयन प्रतियोगिता – 2006 में पुरस्कृत
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"चपड़ासन" कहानी के लिए उपराष्ट्रपति द्वारा सम्मानित
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कथादेश अखिल भारतीय हिन्दी कहानी प्रतियोगिता – 2007 का प्रथम पुरस्कार “बिपर सूदर एक कीने" कहानी पर
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राजस्थान पत्रिका सृजनात्मक पुरस्कार–2007 "खेत" कहानी पर
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हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा हरियाणा गौरव सम्मान–2017
संप्रति: राजस्थान सूचना एवं जनसम्पर्क सेवा से सेवानिवृत्त उपनिदेशक (प्रशासन)