चलना सभी विवेक से, करना अच्छे काम।
तब ही सबको एक दिन, दर्शन देंगे राम॥
विद्या विनय विवेक हैं, मानव के शृंगार।
मृदु वाणी शुभ आचरण, मिल जाते उपहार॥
जहाँ क्रोध की अग्नि हो, रख लो निकट विवेक।
शीतल झरना आएगा, करे कार्य वह नेक॥
देखा सदा विवेक को, जब भी सुंदर काम।
यश गौरव देकर गया, सबको अपना नाम॥
जो भी रखे विवेक का, अंदर हृदय उजास।
वह मानव सबके लिए, रहता, ‘राना’ ख़ास॥