ज़िन्दगी का सच

23-05-2017

ज़िन्दगी जीते हैं सब, साँस भी लेते हैं सब,
याद रहते हैं वही जो, सबको ही देते हैं सब।
 
तुम जीये अपने लिये तो क्या जीये,
मुस्कान होठों की रही फीकी सदा,
एक दिन भी जो जिया औरों की ख़ातिर,
ख्याति जग में उसने ही तो ली सदा।
 
खुशियाँ मिलती हैं सभी को इस जहान में कब भला
दूसरों को दें खुशी जो, याद रहते हैं वही सब
 
देख उनको जिनको दुनिया में कभी,
मिल न पाया एक दिन भी चैन का,
बन सहारा उन सभी का आज तू,
बुझ गया दीपक है जिनके नैन का।
 
राग-रंग जीवन में जिनके हैं नहीं संसार में
जो बने उनका सहारा, उसको दुआ देते हैं सब।
 
प्यार बाँटेगा अगर संसार में तू,
अमृत तुझे मिल जाएगा ये जान ले।
भगवान की पूजा यही है मीत रे!
धर्म तेरा है यही तू मान ले।
 
प्राप्त हो जाएगा बस अमरत्व तुझको मीत रे,
जो चलें इस राह पर, वो अमर हो जाते हैं सब।

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