व्यापार

18-02-2018

उस के क़दम मरीज़ को देख कर रुक गए, "यह तो सरकारी अस्पताल आया था. मुझ से दवा लिखवा कर ले गया था। फिर यहाँ क्या लेने आया है?" अपने साथ घूमने आए मित्र से झोलाछाप डॉक्टर के इम्पोर्टेड गाड़ी व आलीशान भवन में मरीज़ों की भीड़ देख कर पूछा।

"वह अपना इलाज करवाने आया होगा?"

"लेकिन बीमार तो उस का बेटा…"

"अपने को क्या करना है यार।" मित्र ने नज़रंदाज़ करना चाहा। मगर डॉक्टर की जिज्ञासा शांत नहीं हुई, उस ने पूछा, "मगर, उस के पास इतना पैसा कहाँ से आया? जब कि अधिकांश लोग इलाज करवाने सरकारी अस्पताल में आते है।"

"भाई! इधर ये पति महाशय कमाते हैं और उधर पत्नी ब्यूटीपार्लर चलाती है।"

"यह काम तो मेरी पत्नी भी करती है। मगर हमारे पास तो इतना पैसा नहीं है।"

यह सुन कर मित्र हँसा, "भाई! तुम्हारे पास पास नोट छापने की वैसी टकसाल मशीन नहीं है जैसी उस के पास है," कहते हुए मित्र ने उस की बीवी की ओर इशारा कर दिया।

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