किसे बताऊँ उसने मेरे हृदय पर मूत दिया है? कचरे की टोकरी रख दी है नाक पर!
मेरी कमज़ोरी तुम जानते हो कृपा कर किसी को नहीं बताना – मैं अव्वल दर्जे का पाजी हूँ मेरे पास वह सब नहीं जो ज़रूरी है जीने के लिए आज की परिभाषा में!