कवि-1 

डॉ. राजेन्द्र  वर्मा (अंक: 155, मई प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

मैंने देखा
दूरदर्शन पर— 
तीन-चार कुत्ते 
चाट रहे थे 
किसी दुग्ध वाहन से 
गिरा दूध 


मैंने देखा 
पास ही 
एक भूखा व्यक्ति 
उलीच रहा 
.............उसी दूध को 
अपने 
टूटे-फूटे बर्तन में। 
 

मैंने—
कविता लिख डाली 
और 
लम्बी........... 
तान कर सो गया   
मैं 
कवि 
मशहूर हो गया।  

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