प्रगति गुप्ता
जोधपुर (राजस्थान)
जन्म: सितंबर1966 आगरा (उत्तर-प्रदेश)
शिक्षा: एम.ए. (समाजशास्त्र) गोल्ड मैडल (आगरा विश्वविद्यालय, आगरा)
लेखन प्रारंभ:15-16 की उम्र से
कार्यक्षेत्र: लेखन व सोशल-मेडिकल क्षेत्र में काउंसिलिंग
साहित्यिक उपलब्धियाँ:
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हंस, आजकल, गगनांचल (विदेश मंत्रालय), मधुमती (राजस्थान अकादमी), साहित्य भारती (उत्तर प्रदेश अकादमी), राजभाषा विस्तारिका (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय), नई धारा, अक्षरा, कथा-बिम्ब, लमही, कथा-क्रम, निकट, समावर्तन, साहित्य-परिक्रमा, राग-भोपाली, हिन्दुस्तानी ज़ुबान, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका, दैनिक जागरण, दैनिक ट्रिब्यून, नई दुनियाँ, दैनिक नवज्योति, पुरवाई, हिन्दी जगत, पंकज, प्रेरणा . . . जैसी दर्जनों देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियों, समीक्षाओं, संस्मरणों, आलेखों, लघुकथाओं व कविताओं का निरंतर प्रकाशन। 2017 से 2021 के बीच लगभग 350 से अधिक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन।
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लगभग 2300 कविताएँ, 75 कहानियाँ, 70 अनुभव या संस्मरण, 50 लघुकथाएँ, 1700 हाइकु, दो लघु उपन्यास, एक उपन्यास।
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कहानियों व कविताओं का अन्य भाषाओं में अनुवाद।
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मनोरमा ईयर बुक में पिछले चार सालों से लगातार पुस्तकों की चर्चा।
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हिन्दी कविता कोश में कविताएँ संगृहीत।
साझा संकलन:
कविता अनवरत, कविता अभिराम, शब्दों का कारवां, समकालीन सृजन, सूर्य नगरी की रश्मियाँ, स्वप्नों की सेल्फ़ी, कथा दर्पण रत्न
विशिष्ट:
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दैनिक ट्रिब्यून के लिए गत तीन वर्षों से नियमित कहानियों, उपन्यास व कविताओं की पुस्तकों की समीक्षाएँ।
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हस्ताक्षर पत्रिका के लिए दो वर्ष तक नियमित 'जरा सोचिए' स्तंभ।
प्रसारण:
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आकाशवाणी से कहानी और कविताओं का नियमित प्रसारण।
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सामाजिक और साहित्यिक क्षेत्र में कविता का स्थान विषय पर टीवी पर एकल साक्षात्कार।
विशेष: कविताओं और कहानियों के माध्यम से स्कूली बच्चों की काउंसलिंग का अभूतपूर्व प्रयोग।
प्रकाशित पुस्तकें:
'तुम कहते तो’ सितंबर 2017 (पुरुस्कृत काव्य-संग्रह)
‘शब्दों से परे’ जनवरी 2018 (पुरस्कृत काव्य-संग्रह)
‘सहेजे हुए अहसास’ सितंबर 2018 (काव्य-संग्रह)
'अनुभूतियाँ प्रेम की’जनवरी 2019 (संपादित संकलन)
‘मिलना मुझसे’ (ई काव्य-संग्रह अमेज़न) 2019
‘सुलझे॥अनसुलझे!!!’ (प्रेरक संस्मरणात्मक लेख) 2019
‘माँ! तुम्हारे लिए’ (ई लघु काव्य-संग्रह) 2020
‘पूर्ण-विराम से पहले’ . . .!!! (उपन्यास) 2021
‘भेद’ (पुरस्कृत लघु उपन्यास) मातृभारती 2020
‘स्टेपल्ड पर्चियाँ’ (कहानी संग्रह भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित) पुरस्कृत
सम्मान और पुरस्कार:
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हिंदी लेखिका संघ मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा “श्री वासुदेव प्रसाद खरे स्मृति पुरस्कार” (2018)
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विश्व हिंदी साहित्य परिषद ने “साहित्य सारंग” से सम्मानित (2018)
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अखिल भारतीय माथुर वैश्य महासभा के राष्ट्रीय सम्मेलन में “समाज रत्न” से सम्मानित (2018)
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समाचारपत्र अमर उजाला द्वारा विशेष उपलब्धियों के लिए कानपुर में सम्मानित
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अदबी उड़ान पत्रिका के राष्ट्रीय पुरस्कार आयोजन में “अदबी उड़ान काव्य साहित्य पुरस्कार” पुरस्कृत व सम्मानित (2018)
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शब्द सेतु संस्था द्वारा आयोजित “वैचारिक विमर्श” प्रतियोगिता में विजेता “साहित्य सृजन सेवा पदक” से सम्मानित व पुरस्कृत (2019)
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साहित्य समर्था द्वारा आयोजित अखिल भारतीय “डॉ. कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता” श्रेष्ठ कहानी पुरस्कार (2019 और 2020)
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विद्योत्तमा फ़ॉउंडेशन नाशिक द्वारा “स्टेपल्ड पर्चियाँ” कहानी संग्रह “विद्योत्तमा साहित्य सम्मान” से पुरस्कृत (2021)
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राही सहयोग संस्थान जयपुर द्वारा प्रकाशित विश्व के सौ बड़े रचनाकारों की राही सम्मान रैंकिंग की सूची में 93 वें स्थान पर।
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“सुलझे . . . अनसुलझे” संग्रह को कई लाइब्रेरियों में रखा गया
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दैनिक नवज्योति समाचार पत्र के सर्वे के अनुसार 2019 में राजस्थान में क़रीब 2000 शीर्षक छपे जिनमें से 15 अनूठी पुस्तकों को अलग किया गया। “सुलझे . . . अनसुलझे” को अनूठी पुस्तकों में स्थान मिला
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उपन्यास “पूर्ण-विराम से पहले . . .!!!” मातृभारती वेबसाईट पर पहले चार स्थान पर रहा
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श्री कमल चंद्र वर्मा स्मृति राष्ट्रीय लघुकथा लेखन प्रतियोगिता प्रथम पुरस्कार 2021
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कथा समवेत पत्रिका द्वारा आयोजित “माँ धनपति देवी स्मृति कथा साहित्य सम्मान” 2021, विशेष सम्मान व पुरस्कार
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अन्य कई कहानियों, लेखों व कविताओं को पुरस्कार। लगभग सभी संग्रहों को किसी न किसी रूप में सम्मान या पुरस्कार।
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कहानियों पर कॉलेज छात्राओं द्वारा शोध