अरुण अर्णव खरे

अरुण अर्णव खरे

अरुण अर्णव खरे

भोपाल (म.प्र.) 
जन्म: मई 1956 को अजयगढ़, पन्ना (म.प्र.) में। 
शिक्षा: भोपाल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक। 
सम्प्रति: लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से मुख्य अभियंता पद पर कार्यरत रहते हुए सेवा निवृत। 
लेखन: साहित्य की सभी विधाओं में लेखन। कहानी और व्यंग्य लेखन में देश भर में चर्चित नाम। 
प्रकाशन: देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं सहित विभिन्न वेब पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित, जिनमें प्रमुख हैं: दैनिक हिंदुस्तान, जनसत्ता, दैनिक भास्कर, दैनिक ट्रिब्यून, नई दुनिया, जनसंदेश टाइम्स, दैनिक जागरण, प्रभात ख़बर, अमर उजाला, पूर्वांचल प्रहरी, वागर्थ, साप्ताहिक हिंदुस्तान, आज, विभोम स्वर, पुस्तक संस्कृति, गगनांचल, अक्षरा, अक्षर पर्व, नारी शोभा, नूतन कहानियाँ, साक्षात्कार, समहुत, ककसाड़, आलोक पर्व, सरिता, सखी, सरस सलिल, व्यंग्ययात्रा, अट्टहास, मंतव्य, किरण वार्ता, मनस्वी, सुबह सवेरे, हिंदी मिलाप, वार्ता, रचनाकार, हस्ताक्षर, स्वर्गविभा आदि। 
प्रकाशित पुस्तकें:

  • एक उपन्यास “कोचिंग@कोटा“

  • दो व्यंग्य-संग्रह, “हैश, टैग और मैं” और “उफ्फ! ये एप के झमेले“

  • दो कहानी संग्रह, “भास्कर राव इंजीनियर” एवं “चार्ली चैप्लिन ने कहा था“

  • दो काव्य कृतियाँ, “मेरा चाँद और गुनगुनी धूप” तथा “रात अभी स्याह नहीं” प्रकाशित। 

  • एक व्यंग्य उपन्यास “पानी का पंचनामा” व एक कहानी संग्रह “पीले हाफ पैंट वाली लड़की” शीघ्र प्रकाश्य। 

  • तक़रीबन बीस साझा व्यंग्य, कहानी, लघुकथा व काव्य संकलनों में रचनाएँ सम्मिलित। 

सम्पादन: “गीतिका है मनोरम सभी के लिए” (मुक्तक संग्रह), अट्टहास के “मध्यप्रदेश विशेषांक” और पर्तों की पड़ताल के “व्यंग्य विशेषांक” का सम्पादन। 
सम्मान एवं पुरस्कार:

  • कथा-समवेत एवं साहित्य समर्था द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिताओं में क्रमश: “मकान” एवं “पीले हाफ पैंट वाली लड़की” कहानियाँ पुरस्कृत। 

  • डॉ. सुनील सिंह स्मृति सम्मान (व्यंग्य विधा) तथा गुफ़्तगू सम्मान इलाहाबाद सहित साहित्यिक उपलब्धियों के लिए दसाधिक पुरस्कार एवं सम्मान। 

  • उपन्यास “कोचिंग@कोटा,” शिक्षाविद पृथ्वीनाथ भान सम्मान, 

  • जयपुर, साहित्य एवं व्यंग्य संस्थान, रायपुर तथा निर्मला स्मृति साहित्य-रत्न सम्मान, चरखी दादरी से पुरस्कृत। 

  • व्यंग्य संग्रह “उफ्फ! ये एप के झमेले” को अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन का पं। कुंजीलाल दुबे स्मृति राष्ट्रीय पुरस्कार। 

  • कहानी संग्रह “चार्ली चैप्लिन ने कहा था” को कादम्बरी, जबलपुर का स्व देवदास मायला सम्मान। 

अन्य पुस्तकें: इनके अतिरिक्त खेलों पर भी छह पुस्तकें प्रकाशित। भारतीय खेलों पर एक वेबसाइट www.sportsbharti.com का संपादन। 
प्रसारण: आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर भी वार्ताओं का प्रसारण। 
अन्य गतिविधियाँ: गया प्रसाद स्मृति कला, साहित्य व खेल संवर्द्धन मंच का संयोजन एवं अट्टहास पत्रिका के म०प्र० प्रमुख। 
सम्मेलनों में प्रतिभागिता:

  • वर्ष 2017 में अमेरिका व 2018 में मॉरिशस में काव्यपाठ। 

  • वर्ष 2015 में भोपाल तथा 2018 में मॉरिशस में सम्पन्न 10वें व 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में प्रतिभागिता। 

  • मॉरिशस में “हिन्दी की सांस्कृतिक विरासत” विषय पर आलेख की प्रस्तुति। 

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