प्रेमचंद विशेष

15-07-2022

प्रेमचंद विशेष

डॉ. लता सुमंत (अंक: 209, जुलाई द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

1. 
जन्मे लमही
में, धनपत बने
थे प्रेमचंद 
2.
छोटी उम्र में
ज़िन्दगी के यथार्थ 
को झेला-भोगा
3. 
लगन निष्ठा
से तय की थी राह
संघर्ष पूर्ण
4. 
गुज़रे थे वे
पेचीदी–गलियों से
न था धन भी
5. 
लिखते थे वे
पेट के बल उल्टे
लेटकर ही
6. 
रूप न गुण
में था, मेल पत्नी से
टूटा विवाह
7. 
शिवरानी से
आदर्शों के तहत
किया विवाह
8. 
किसान, मन 
से, सच्चे–पृथ्वी–पुत्र 
अभावग्रस्त 
9. 
गुदगुदाती 
थी याद, खुलकर 
हँसते वे थे 
10. 
किया गौरव 
आम आदमी, बना 
कथा नायक 
11. 
महागाथा है
किसानों की गोदान 
शोषित होरी 
12. 
पैर पसार 
है चादर जितनी 
मर्म गबन 
13. 
सेवासदन 
हुस्न–ए-बाज़ार का 
रूपांतरण
14. 
बाह्य-आत्म के 
संघर्ष से निखरा 
रचनाकार 
15. 
रचनाधर्मी 
लोकप्रियता, बने
वे कालजयी
16. 
गुणों की पेटी
बड़े घर की बेटी
प्रेमचंद की
17. 
सौत कहानी
छपी सरस्वती में
पहली बार
18. 
था गुड़ उन्हें
बहुत पसंद, तो
खेल में गिल्ली
19. 
ढपोरशंख
में है ठगे जाने की
मार्मिक कथा
20. 
तो स्त्री सहज
गहनों की लालसा
जालपा में थी
21. 
कफ़न कथा 
क्रूर व्यंग्य, सात्विक 
क्रोध से पूर्ण 
22. 
लोटा पानी को 
ठाकुर का कुआँ में
तरसे गंगी 
23. 
सर्वोत्कृष्ट है
कफ़न, स्थापित ये 
विश्वसाहित्य
24. 
थे मूलतः वे 
ग्रामीण जीवन के 
ही चित्रकार
25. 
सद्गति में है 
संत्रस्त हरिजन 
पीड़ा चित्रण 
26. 
साहित्य प्रेमी 
क़लम के सिपाही
प्रकाश स्तम्भ 
27.
जोड़ा साहित्य 
मानव जीवन की 
यथार्थता से 
28.
बीता जीवन 
अभावों संघर्षों में 
बने कर्मठ 
29. 
जर्जर हुए 
आर्थिक दुश्चिंताओं 
हंस–पत्र से 
30. 
छप्पन वर्ष 
की अवस्था, हुए वे 
निद्रा में लीन

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