पार्टियाँ
अनुपमा रस्तोगी मैं अब पार्टियाँ एन्जॉय करने लगी हूँ,
पीती नहीं पर मदहोश होने लगी हूँ।
दोस्तों का साथ, नाच और गाना
करने लगा है मुझे भी दीवाना,
फिर बजते गानों के साथ में गुनगुनाना
बेफ़िक्र बेपरवाह बेझिझक नाचना/नचाना
तेज़ संगीत और शोर शराबा
अब मुझे डिस्टर्ब नहीं कर पाता,
शायद मन चित्त शांत हो तो
बाहरी हल्ला तंग नहीं कर पाता।
बच्चे, रिटायरमेंट और साथ में वेकेशन,
पर कभी न ख़त्म होने वाले हमारे वो डिस्कशन,
हँसी ठहाके भरी हमारी मस्तियाँ ,
भर जाती हैं जोश और ताज़गियाँ।
काश यूँ ही रहे यह हैंगओवर बेकरार,
और मैं डूबी रहूँ इस ज़िन्दगी के ख़ुमार में।