ऑपरेशन सिंदूर

01-06-2025

ऑपरेशन सिंदूर

पल्लवी श्रीवास्तव (अंक: 278, जून प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

उजाड़ा था तुमने, 
बेक़ुसूर माँगों का सिंदूर।
अब हम उजाड़ेंगे तुम्हें, 
करके ऑपरेशन सिंदूर॥ 
 
पहलगाम के आँसू बोले, 
अब हिसाब पूरा होगा, 
हर आतंकी के घर में घुसकर, 
इन्साफ ज़रूर होगा। 
 
सिंदूर बन गया अब क्रोध, 
जो चुकता ऋण कर देगा, 
पाकिस्तान की हर चाल को, 
भारत ध्वस्त कर देगा। 
 
हमने हर वार सहा था, 
पर अब वार जवाबी है, 
ऑपरेशन सिंदूर बता देगा, 
ये भारत नवाबी है। 
 
तूने घर में वार किया, 
हमने घर में घुसकर मारा, 
यह नया भारत सुन ले दुश्मन, 
ये तेरा दु:स्वप्न दुबारा। 
 
पहलगाम के अश्कों का, 
हमने सिंदूर बनाया, 
वीरों ने रणभूमि में, 
आतंक को धूल चटाया। 
 
यह नया भारत है मेरा, 
सहन नहीं अब करता, 
जहाँ भी छुपा है आतंक, 
वहीं प्रहार करता। 

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