मुझे संदेह है

15-10-2021

मुझे संदेह है

डॉ. कुँवर दिनेश (अंक: 191, अक्टूबर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

वह व्यक्ति जो हँस रहा अधिक है,
मुझे उस पर संदेह है।
 
वह व्यक्ति जो रो रहा अधिक है,
मुझे उस पर संदेह है।
 
वह व्यक्ति जो बोल रहा अधिक है,
मुझे उस पर संदेह है।
 
वह व्यक्ति जो चुप रहता अधिक है,
मुझे उस पर संदेह है।
 
वह व्यक्ति जिसमें अनुरक्ति अधिक है,
मुझे उस पर संदेह है।
 
वह व्यक्ति जिसमें रोष अधिक है,
मुझे उस पर संदेह है।
 
वह व्यक्ति जिसमें दर्प अधिक है,
मुझे उस पर संदेह है।
 
वह व्यक्ति जिसमें विनय अधिक है,
मुझे उस पर संदेह है।
 
जो दिखता है जैसा, हो भी वैसा,
यह आवश्यक तो नहीं।
 
चेहरा होता है मन का आईना―
मुझे उस पर संदेह है।

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें