मैं लिखूँ तुम गीत प्रिये!!

01-09-2025

मैं लिखूँ तुम गीत प्रिये!!

अमित कुमार दे ’शारामति’ (अंक: 283, सितम्बर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

मैं लिखूँ तुम गीत प्रिये, 
मेरी मन की प्रीत प्रिये, 
बारिश की तुम बूँद प्रिये, 
मेरे दिल की गीत प्रिये। 
 
पतझड़ की तुम बसंत प्रिये, 
सावन की तुम फुहार प्रिये, 
दीपावली का दीप प्रिये, 
होली का तुम गीत प्रिये। 
 
आँगन की तुम श्री प्रिये, 
जीवन का तुम संगीत प्रिये, 
देना हरपल साथ प्रिये, 
मेरी हो तुम हाथ प्रिये। 
 
फूलों की तुम महक प्रिये, 
चिड़ियों की तुम चहक प्रिये, 
तुम्हें देखकर मन भा जाए, 
मेरी हो तुम मनमीत प्रिये। 
 
घर की समृद्धि-स्नेह प्रिये, 
प्रेम-स्नेह तुम संसार प्रिये, 
सुख-दुःख का तुम साथ प्रिये, 
मेरी होंठों की मुस्कान प्रिये। 
 
पूजा का तुम थाल प्रिये, 
धूप-दीप और गान प्रिये, 
मेरी सौम्य और सार प्रिये, 
मेरे नाम का शृंगार प्रिये। 
 
मेरी आँखों की तुम चमक प्रिये, 
मेरी जीवन का तुम भाव प्रिये, 
मेरी मान-सम्मान और विश्वास प्रिये, 
मेरी हृदय का तुम स्वास प्रिये। 

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