कैसे हिन्दी दिवस मनाऊँ मैं?
अमित कुमार दे
अक्षर-अक्षर सिसक रही है,
कैसे हिन्दी दिवस मनाऊँ मैं?
एक दिन हिन्दी दिवस मना के,
क्या हिन्दी को सम्मान दे पाऊँ मैं?
कोई गुजराती, कोई मराठी,
बंगाली, तेलगु कहलाते हम,
एक राष्ट्र का एक भाषा हो,
हिन्दी की जयकारा लगाऊँ मैं।
दीन-हीन और मज़लूमों की,
कराते सबकी पहचान हम,
हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान का,
बड़े चाव से नारा लगाते हम।
अपनी भाषा से प्रेम है तो,
हिन्दी को सिरमौर बनाऊँ मैं,
एक देश का एक भाषा हो,
जन-जन को बताऊँ मैं?
दो अक्षर का अंग्रेज़ी ज्ञान,
हिन्दी का मुँह चिढ़ाऊॅं मैं,
निज भाषा से शर्माते हो तो,
कैसे राष्ट्रभाषा बन जाऊँ मैं?
हिन्दी-अंग्रेज़ी की बात हो,
अंग्रेज़ी की ठाट दिखाऊँ मैं,
अपनी भाषा से प्रेम नहीं तो,
कैसे हिन्दी दिवस मनाऊँ मैं?