माता हरती हर संताप

01-10-2025

माता हरती हर संताप

प्रतिभा पाण्डेय ‘प्रति’ (अंक: 285, अक्टूबर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

(जयकारी छंद)
 
शैलपुत्री आदिशक्ति मात, 
स्वीकार हो ये भक्ति आज। 
दया करूणार्द्र अभिशाप, 
माता हरती हर संताप॥
 
पूजत जन नौ दिन नौ देवि 
घड़ी घंटा चौंसठ सेवी। 
छत्र छाँव माँ शीतल नीम, 
शुरूआत संवत्सर देवी॥
 
पूज्य कन्या जगा भाग्य, 
मिले माँ सुहागन सौभाग। 
चढाऊँ चुनर बिन्दी लाल, 
भजन करूँ दिवस रात जाग॥
 
जगराता बजाती ढोल, 
तन मन में भक्ति भाव घोल। 
पद्मासना देती वरदान, 
माँ बिन ‘प्रतिभा’ का क्या मोल॥

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