कुछ दोहे जन्माष्टमी पर

01-09-2022

कुछ दोहे जन्माष्टमी पर

सौरभ मिश्रा (अंक: 212, सितम्बर प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

जन्म हुआ श्रीकृष्ण का, ख़ुश भए सब लोग। 
रतन लुटावें नंद बबा, दें माखन मिसरी भोग॥
 
धन्य वासु और देवकी, भगवान हुए संतान। 
माँ यशोदा ओखल बाँध कहें, तू कितना शैतान॥
 
ग्वालन माखन ओट रखे, कि आयेंगे ब्रजनाथ। 
न आए तो मायूस भई, खाएँ तो पकड़े हाथ॥
 
गोकुल की गैया सोच रही, जग के पालनहार। 
हमें चरावें नंद गाँव, हम होंगे भव से पार॥
 
हर पुष्प सुवासित ‘सौरभ’, हर कली हुई बेचैन। 
तरुणाई में फूट पड़ीं, कि मिले मुरलीधर से नैन॥

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