किताब
डॉ. शबनम आलम
किताबों से दोस्ती कर लो
उससे ज़्यादा वफ़ादार कोई नहीं
वो कभी दग़ा नहीं देगी
जीवन के सफ़र में
आख़री पल तक वो
देगी तेरा साथ
अकेला न छोड़ेगी कभी तुझे
वो ऐसा फ़लसफ़ा है
जो एक नज़रिया देता है
जीवन को समझने में
उसे सिर्फ़ पढ़ो नहीं, जियो
वो मुश्किल क्षणों में भी
नयी राह दिखाएगी
वो एक अथाह समुद्र है
जितनी गहराई में उतरोगे
उतनी ही मोती पाओगे
अगर तुम्हारे पास है
किताबों का ख़ज़ाना
तुमसे बड़ा मालदार
कोई नहीं इस जहाँ में