जीवन तिमिर में हो उदय क्यों मौन है
आनन्द कुमार रायपूछता है प्रश्न हृदय
यह कौन है?
जीवन-तिमिर में हो उदय
क्यों मौन है?
अधरों पर पुलकित मन्द स्मित,
अपरिचित, अज्ञान-सी
अपलक, नयनाभिरामी, दृष्टि-विस्मित,
स्थिति अभिमान-सी
डगमगाते, लड़खड़ाते पग न ऐसे थे कभी
रास्ता यह कौन है?
जीवन-तिमिर में हो उदय
क्यों मौन है?
कौंधती दाड़िम, नीशीथ के अंधकार को एक पल
स्मृति भी दौड़ती उर में अचानक आजकल
तिलमिलाती स्मृति के दिन न पहले थे कभी
यह ललक कौन है?
जीवन-तिमिर में हो उदय
क्यों मौन है?