जगमग करता दीप

22-10-2014

जगमग करता दीप

विशाल शुक्ल


जगमग करता दीप
बूँद के नीचे सीप
 
सीप में लहराता सागर
जैसे नटवर नागर
 
नागर और हम
प्रकाश व तम
 
तम माँगे प्रकाश
तंत्र से जन आस
 
आस लिये वादा
कृष्ण और राधा
 
राधा चाहे श्याम
सीता माँगे राम
 
राम हमारा जीवन
जीवन सुंदर मन
 
मन मस्त राजन
सावन सा पावन
 
पावन सी ममता
जोगी जैसे रमता
 
रमता जब जोगी
मुक्त होता योगी
 
योगी जीवन योग
सहज सरल तू भोग

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