दुःख तो ज़रिया है

16-03-2016

दुःख तो ज़रिया है

आनंद कुमार

 

मुझे पता है, 
तुम मुझे दुःख देकर दुखी हो। 
मैं जानता हूँ
तुम मेरे आस-पास यहीं कहीं हो। 
 
मालूम है, दुःख तो ज़रिया है तुम्हारा
रखने को पास लगता जो प्यारा। 
दुःख ही है सरल साधन
दुःख में रहे तेरा स्मरण। 
 
पर जब-जब तुम दुःख देते हो
सोचता हूँ, मेरे साथ ही क्यों? 
मगर मालूम जिन्हें तुम चाहते हो
उनको ही लीला दिखाते हो। 
तुम लेते हो परीक्षा प्रतिपल
करते दुःख दूर, होते जो सफल। 
 
लेकिन दुःख तो ज़रिया है
तुहारे पास रहने का। 
इसलिए हे ईश! दुःख चाहे दूर करना
मगर अपने से दूर न करना। 

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