चलो फिर से

01-01-2025

चलो फिर से

मधुलिका मिश्रा (अंक: 268, जनवरी प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

चलो फिर से 
अजनबी बनते हैं, 
चलो फिर से 
कुछ बातें 
हम कहते हैं 
तो कुछ बातें 
तुम्हारी सुनते हैं
चलो फिर से 
कुछ ख़्वाब 
मिलके बुनते हैं 
कुछ क़िस्से तुम्हारे 
तो कुछ क़िस्से हमारे 
फिर से चुनते हैं
चलो फिर से 
जग को भूलते हैं 
चलो फिर से 
प्यार में पड़ते हैं
चलो फिर से 
एक वादा करते हैं 
कि इस जनम में 
नहीं, अगले जन्म में 
फिर से मिलते हैं। 

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