बेटी दिवस

01-10-2024

बेटी दिवस

डॉ. नरेश कुमार सिहाग (अंक: 262, अक्टूबर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

बेटी है आँगन की रौनक़, 
जीवन की यह मधुर कहानी। 
जैसे सूरज की किरणें, 
भर देती हैं घर में रवानी। 
 
प्यार से उसकी हँसी, 
फूलों सी महकाती है, 
सपनों को रंगों से भरकर, 
हर दिल को लुभाती है। 
 
उसके संग है ख़ुशियों का झरना, 
उसके बिना सब सूना लगता। 
हर लम्हे में है उसका हिस्सा, 
वह तो सबका सपना सजता। 
 
बेटी है ईश्वर का उपहार, 
दुनिया का सबसे प्यारा प्यार। 
सम्मान, स्नेह से सजा ये दिवस, 
बेटियों को समर्पित हर एक विचार। 
 
दुनिया में फैला दो यह संदेश, 
बेटियाँ हैं जीवन की आस। 
बेटी के बिना जीवन अधूरा, 
उसका होना ‘बोहल’ सबसे ख़ास। 

1 टिप्पणियाँ

  • 26 Sep, 2024 03:22 PM

    अति सुंदर अभिव्यक्ति बेटियों को समर्पित कविता

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