बयाँ होंगे

01-08-2021

बयाँ होंगे

प्रभात कुमार (अंक: 186, अगस्त प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

रक्त के बहते क़तरे में,
देश का नाम बयाँ होता है
भारत की मिट्टी में जन्मे 
शहीदों का बलिदान बयाँ होता है
न धर्म न जाति, बस
राहे-वतनपरस्ती बयाँ होता है
शहीदों के कफ़न में लिपटे
तिरंगे का दिल जवाँ होता है
हर क़तरे-क़तरे से लहू
ये कह उठता है
मुल्क के लिए, फिर जवाँ होंगे
शहीदों के मेले में
क़िस्से मुहब्बत-ए-हिन्दुस्तान बयाँ होंगे॥
---------प्रभात कुमार---------

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