बँधा यह सारा ज़माना है 

15-12-2022

बँधा यह सारा ज़माना है 

आरती चौरसिया (अंक: 219, दिसंबर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

यह कौन-सा तराना है, 
जिससे बँधा यह सारा ज़माना है। 
 
कहते हैं इसका नाम दुनिया है! 
शायद लगता है, यह पूरी कायनात 
एक आँचल का सिरहाना है। 
 
यूँ तो गिर सँभल कर चल सकते हैं, 
सब अकेले पर फिर लगता है 
सबको कोई सँभालने वाला है। 
 
चाहे इसका नाम— 
फूल-पत्ती, हवा-पानी, इंसान-जानवर 
कुछ भी हो, यह रूपों का खेल है 
जिससे बँधा सारा ज़माना है। 

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