अगर मगर की बातें छोड़ो

01-04-2022

अगर मगर की बातें छोड़ो

देऊ जांगिड़ (अंक: 202, अप्रैल प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

अगर मगर की बातें छोड़ो, 
मिले दिल वहाँ नाता जोड़ो, 
 
घुटन में जीना भी क्या जीना, 
अब सच कहो और चुप्पी तोड़ो, 
 
कर पाएँ तो अपाहिज की सहायता करें, 
मज़ाक उड़ाके दिल ना तोड़ो, 
 
दुश्मनों से आप भले डर जाएँ, 
देशभक्तों से मुँह ना मोड़ो, 
 
जिनको तुम्हारी ज़रूरत नहीं, 
उनके आगे हाथ मत जोड़ो, 
 
सफलता के लिए मेहनत भी ज़रूरी है, 
क़िस्मत को दोष देना छोड़ो, 
 
ख़ुशियाँ नहीं बाँट सको तो अलग बात है, 
ज़ख़्मों पर नमक छिड़कना छोड़ो

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