तू कहे तो...

15-04-2019

तू कहे तो...

मधुलिका मिश्रा

तू अगर आग है,
मैं तुझमें जल जाऊँ।
है तू समुंदर तो,
नदिया बन तुझमें समाऊँ
मैं रेत बन कभी,
तुम्हें छू जाऊँ
तो कभी लहर बन कर, 
तेरे दर तक आऊँ।
हर लम्हे को जी लूँ
तेरी हो के ज़िन्दगी बिताऊँ॥

5 टिप्पणियाँ

  • 11 Mar, 2024 12:28 AM

    Good one

  • 16 Jun, 2023 04:51 PM

    Wahh Bahut Sunder Madhulika Ji

  • 25 Dec, 2022 09:28 AM

    ❤ नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यों नही❤ ktariya

  • 19 Apr, 2019 05:03 AM

    Bahut sunder kavita

  • 18 Apr, 2019 11:55 AM

    अत्यंत सुंदर कविता।

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