रचनाओं को परिष्कृत करने के लिए उन पर चर्चा ज़रूरी—अश्विनी कुमार दुबे

02 Apr, 2024

क्षितिज साहित्य संस्था होली मिलन समारोह 2024

रचनाओं को परिष्कृत करने के लिए उन पर चर्चा ज़रूरी—अश्विनी कुमार दुबे

 

क्षितिज साहित्य संस्था द्वारा होली मिलन समारोह एवं व्यंग्य रचना पाठ संगोष्ठी का आयोजन अरोमा रेस्टोरेंट, महालक्ष्मी नगर, इंदौर में किया गया जिसमें संस्था सदस्यों द्वारा बढ़-चढ़ कर भाग लिया गया। 

कार्यक्रम में पिछले दिनों सदस्यों के लिए आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।  इसमें चेतना भाटी को प्रथम,  ज्योति जैन को द्वितीय, रश्मि स्थापक को तृतीय और कनक हरलालका तथा चंद्रशेखर दिघे को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। 

इस अवसर पर संस्था ने अपने त्रैमासिक ई न्यूज़ लेटर ‘क्षितिज’ का लोकार्पण भी किया। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध आशुकवि श्री प्रदीप नवीन ने अपनी हास्य कविताओं से श्रोताओं को ख़ूब गुदगुदाया वहीं कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री अश्विनी दुबे ने कहा कि, संस्था के सदस्यों को अपनी मासिक बैठक में एक दूसरे की रचनाओं में सुधार हेतु चर्चा ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि अपने आप को अभिव्यक्त करने के लिए रचना कर्म बहुत ज़रूरी है।  आयोजन में रचना पाठ के दौरान क्षितिज के अध्यक्ष श्री सतीश राठी ने अपना गीत ‘दिन अनमने हो गए, मन पाहुने हो गए’ सुनाया। श्री ब्रजेश कानूनगो द्वारा होली पर तीखे व्यंग्य दोहे सुनाए तो सचिव श्री दीपक गिरकर ने अपना चुटीला व्यंग्य ‘फूफाजी और चौकीदार’ प्रस्तुत किया। श्रीमती ज्योति जैन ने ‘नेताओं की होली में रंगों की दुविधा’ सुनाई वहीं श्री आर.एस. माथुर द्वारा ‘मन में कुंजबिहारी रखना अच्छा है’ नंदकिशोर बर्वे द्वारा ‘जय जगदीश हरे’ व्यंग्य रचना का पाठ किया गया। श्रीमती रश्मि चौधरी द्वारा बुंदेलखंड की लोककथा पर शानदार प्रस्तुति देते हुए लघु नाटिका का मंचन किया गया। 

इस अवसर पर सुषमा शर्मा श्रुति, चंद्रशेखर दिघे, रश्मि स्थापक, किशन शर्मा कौशल, अखिलेश शर्मा द्वारा भी अपनी उत्कृष्ट रचनाएँ पढ़ी गई। सभी रचनाकारों द्वारा पढ़ी गई उत्कृष्ट रचनाओं ने श्रोताओं को होली के रंगों से सरोबार कर दिया। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया गया तथा सुषमा शर्मा के द्वारा स्वरचित सरस्वती वंदना का गायन किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री सुरेश रायकवार द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन श्री दीपक गिरकर द्वारा किया गया। 

—प्रेषक: दीपक गिरकर

क्षितिज साहित्य संस्था होली मिलन समारोह 2024