नदलेस ने की लोकार्पण एवं काव्य पाठ गोष्ठी

22 Jul, 2024

नदलेस ने की लोकार्पण एवं काव्य पाठ गोष्ठी

नदलेस ने की लोकार्पण एवं काव्य पाठ गोष्ठी

 

दिल्ली। नव दलित लेखक संघ, दिल्ली के तत्वावधान में लोकार्पण एवं काव्य-पाठ गोष्ठी का आयोजन किया गया। सलीमा जी के संयोजन में, गोष्ठी दरिया गंज, नई दिल्ली में रखी गई। गोष्ठी में सर्वप्रथम गीता कुमारी गंगोत्री की सद्यः प्रकाशित पुस्तक हिंदी की काव्यात्मक वर्णावली का लोकार्पण किया गया, तत्पश्चात् उपस्थित कवियों का काव्य पाठ हुआ। अध्यक्षता पुष्पा विवेक ने की एवं संचालन डॉ. अमित धर्मसिंह ने किया। उक्त के अतिरिक्त गोष्ठी में क्रमशः मदनलाल राज़, डॉ. गीता कृष्णांगी, सुनीता कुमारी प्रसाद, लोकेश कुमार, बंशीधर नाहरवाल, अरुण कुमार पासवान, जोगेंद्र सिंह, बृजलाल सहज, अभिषेक चंदन, नतालिया अली, डॉ. सैयद अली अख़्तर नक़वी और अज़ीमा आदि उपस्थित रहे। 

मदनलाल राज़ ने कविता कुछ यूँ पढ़ी “मैं तो केवल यारों सच्चाई उकेर रहा हूँ, ठंडी पड़ी राख में आग खुकेर रहा हूँ। आग लगा दे टीवी और झूठे अख़बार को, जो जला दे देश में फैले भ्रष्टाचार को।” सुनीता कुमारी ने कविता पर कविता पढ़ते हुए कहा, “मैं कविता हूँ, मैं धर्म में हूँ, मैं पुराण में हूँ, मैं वेद में हूँ, मैं क़ुरान में हूँ, मैं प्रार्थना में हूँ, मैं अज़ान में हूँ, मैं हृदय में हूँ, मैं ईमान में हूँ, मैं कविता हूँ, मैं कविता हूँ।” अभिषेक चंदन ने पढ़ा, “सोते हुए राष्ट्र को सोते हुए जगा सकोगे क्या? रोते हुए राष्ट्र को रोते हुए जगा सकोगे क्या?” डॉ. सैयद अली अख़्तर नक़वी ने अपनी कविता कुछ यूँ पढ़ी, “चलो एक बार फिर बात करते हैं, सुलह की एक नई शुरूआत करते हैं, हमने कही थीं एक दूसरे को जो बातें, अब उन्हें हम नज़रअंदाज़ करते हैं, अब न करेंगे हम आपस में कोई झगड़ा, आज हम दोनों ये ऐलान करते हैं।” बृजपाल सहज की कविता कुछ इस प्रकार रही, “हर ओर तमाशा हो रहा है, देखने वाला भी ख़ूब रो रहा है, आपदा भी अवसर है साहब, कोई तो है जो रईस हो रहा है।” अरुण कुमार पासवान ने अपनी कविता दवा और दावा कुछ इस प्रकार पढ़ी, “सिर्फ एक लाठी का फ़र्क़ है दवा और दावा में, दवा करने से बहुत आसान है दावा करना, लाठी ही तो उठानी है और कहवा लेना है कि दवा मिल रही है।” इनके अलावा गीता कुमारी गंगोत्री, जोगेंद्र सिंह, बंशीधर नाहरवाल, लोकेश कुमार, डॉ. अमित धर्मसिंह और पुष्पा विवेक ने भी अपनी अपनी कविताओं से गोष्ठी को ऊँचाइयाँ प्रदान की। सभी उपस्थित रचनाकारों का तहेदिल से शुक्रिया अदा गोष्ठी की संयोजक सलीमा ने किया। 

जोगेंद्र सिंह
प्रचार सचिव, नदलेस

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