
डॉ. विजय कुमार सुखवानी
जन्म : ग्वालियर म.प्र.
शिक्षा : आईआईटी मुम्बई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी
भाषा ज्ञान : भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू एवं सिंधी
रचना कर्म : प्रमुख पत्र पत्रिकाओं व सभी महत्त्वपूर्ण वेब पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन, एक ग़ज़ल संग्रह प्रकाशाधीन, रंगमंच अभिनेता, मंच संचालक, कवि सम्मेलनों, मुशायरों, काव्य गोष्ठियों में नियमित काव्यपाठ, सिहंस्थ 2016 में दूरदर्शन के लिए एंकर का कार्य
सम्प्रति : प्रोफ़ेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभा, शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, उज्जैन, म.प्र.
रुचियाँ : हिंदी सिनेमा में गहरी रुचि विशेषकर हिंदी फिल्मी गीतों का गहन अध्ययन
लेखक की कृतियाँ
- ग़ज़ल
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- अच्छे बुरे की पहचान मुश्किल हो गई है
- अब मकाँ होते हैं कभी घर हुआ करते थे
- इन्सान की हर ख्वाहिश पूरी नहीं होती
- कहाँ गुज़ारा दिन कहाँ रात
- कुछ इस तरह से ज़िन्दगी को देखना
- दिल के लहू में
- ना मिली छाँव कहीं यूँ तो कई शज़र मिले
- ये धूपछाँव क्या है ये रोज़ोशब क्या है
- सब खामोश हैं यहाँ कोई आवाज नहीं करता
- साथ मेरे रही उम्र भर ज़िंदगी
- हम कहीं भी रहें माँ की दुआ साथ रहती है
- विडियो
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- ऑडियो
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