डॉ. रजनी अनुरागी
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग से हिन्दी साहित्य में पीएच.डी. हैं और फ़िलहाल जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज, दिल्ली में पढ़ाती हैं। अब तक उनका एक कविता संग्रह और साहित्य आलोचना की एक पुस्तक 'वर्जनाओं के पार खिलता फूल' प्रकाशित। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकों और पुस्तिकाओं का सम्पादन भी किया है। उनकी कविताएँ और लेख प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में छपते रहे हैं। मगहर पत्रिका के 'अम्बेडकरवादी आलोचक डॉ तेज सिंह' विशेषांक की अतिथि सम्पादक रही हैं। अपने कविता संग्रह ‘बिना किसी भूमिका के ‘ पर उन्हें ‘शीला सिद्धांतकर स्मृति सम्मान’ (2011) और ‘दिलीप अश्क स्मृति सम्मान’ (2011) से सम्मानित किया गया है। उनकी कविताएँ भारत के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं।