जन्म :
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कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश में 14.02.1960 में जन्म हुआ।
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शिक्षा :
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जे. कृष्णमूर्ति फाउंडेशन, राजघाट, वाराणसी में शिक्षा ग्रहण की।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य और आलोचना मएं डाक्टरेट की डिग्री हासिल की। संस्कृत, अंग्रेज़ी और बाँग्ला भाषा के अतिरिक्त योग्यता है। आयुर्वेद और योग का विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त किया है
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सम्प्रति :
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वर्ष 2006 से नीदरलैंड स्थित हिंदी युनिवर्स फाउंडेशन की निदेशक हैं।
वंसत महिला महाविद्यालय, जे. कृष्णमूर्ति फाउंडेशन (काशी हिंदु विश्वविद्यालय से संबद्ध) राजघाट, वाराणसी, उत्तरप्रदेश में 1984 से 2001 तक हिंदी भाषा एवं साहित्य विभाग की अध्यक्ष रहीं। वर्ष 2001 से 2005 तक भारतीय सांस्कृतिक केंद्र और भारतीय दूतावास, पारामारिबो, सूरीनाम में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, विदेश मंत्रालय की ओर से हिंदी प्रोफेसर और प्रथम सचिव रहीं।
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प्रकाशित
कृतियाँ :
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काव्य संग्रह
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शब्द बन कर रहती हैं ऋतुएँ, कथ्यरूप प्रकाशन, इलाहाबाद
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अक्षत
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ईश्वराशीष,
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हृदय की हथेली, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली
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गोखरु (कहानी संग्रह),
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सूरीनाम (विनिबंध), कथा सूरीनाम, कविता सूरीनाम (संपादन),
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दोस्ती की चाह- जीत नराइन (अनुवाद), कैरीबियाई देशों में हिंदी शिक्षा का इतिहास (शोध पुस्तक),
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आधुनिक हिंदी काव्यालोचना के सौ वर्ष (आलोचना), राधाकृष्ण और राजकमल प्रकाशन,
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दिल्ली एवं सांस्कृतिक आलोक से संवाद, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली से प्रकाशित।
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संपादन :
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सह-संपादक - परिसंवाद, विश्व दार्शनिक जे. कृष्णमूर्ति की वार्ता आधारित त्रैमासिक पत्रिका, राजघाट वाराणसी उत्तरप्रदेश
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संस्थापक संपादक, हिंदीनामा त्रैमासिक और त्रिभाषी पत्रिका, पारामारिबो, शब्द शक्ति पत्रिका
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दूरदर्शन वृत्त
चित्र निर्माण :
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कैरीबियाई देशों, सूरीनाम की प्रकृति और संस्कृति पर दो-दो घंटे की छह फिल्में।
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विश्व हिंदी कार्यकर्ताओं पर वृत चित्र-सातवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन प्रदर्शित
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कथाकार शिवप्रसाद सिंह और श्रीलाल शुक्ल के कृतित्व और वयक्तित्व पर दूरदर्शन के लिए विशेष फिल्म
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सम्मान :
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अंतरराष्ट्रीय अज्ञेय साहित्य सम्मान, २००२ रूपाम्बरा भारत
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कैरीबियाई हिंदी सेवा सम्मान, २००४ गयाना
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राष्ट्रीय़ हिंदी सेवा सम्मान, 2003 सूरीनाम
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डॉ. एल. एम. सिंघवी अंतर्राष्ट्रीय कविता सम्मान, 2004, लंदन
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सूरीनाम हिंदी सेवा सम्मान, 2007 रूपाम्बरा, भारत
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राष्ट्रीय साहित्य सम्मान, 2007 भारत
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संयोजन :
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सातवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन, पारामारिबो, २००३
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संबद्धता :
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संस्थापक अध्यक्ष - कैरीबियाई हिंदी संस्थान, पारामारिबो
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संस्थापक अध्यक्ष - साहित्य मित्र संस्थान, सूरीनाम
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संस्थापक निदेशक - राष्ट्रीय हिंदी एकेडेमी , नीदरलैंड, यूरोप के लिए विशेष सलाहकार - हिंदी प्रचार संस्था (एचपीएसएन) नीदरलैंड्स, यूरोप, अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, रूस, भारत और कैरीबियाइ देशों की पत्रिकाओं और संस्थाओं में मानद सदस्य।
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