डॉ. आरती ‘लोकेश’

डॉ.  आरती ‘लोकेश’

डॉ. आरती ‘लोकेश’

डॉ. आरती ‘लोकेश’ दो दशकों से दुबई में निवास करती हैं। तीन दशकों से शिक्षण कार्य करते हुए यू.ए.ई. विद्यालय में वरिष्ठ प्रशासनिक अध्यक्ष हैं। अंग्रेज़ी-हिन्दी दोनों विषयों में स्नातकोत्तर होने के साथ ही हिन्दी में गोल्ड मैडलिस्ट हैं। रघुवीर सहाय के साहित्य पर शोध किया है। इनके 4 उपन्यास, 3 कविता-संग्रह, 2 कहानी-संग्रह, 1 यात्रा-संस्मरण, 1 शोध ग्रंथ, 1 कथेतर गद्य, 3 संपादित पुस्तकें मिलाकर 15 पुस्तकें प्रकाशित हैं। 

इनके साहित्य पर पंजाब, हरियाणा के अतिरिक्त विदेश के विश्वविद्यालय में विद्यार्थी शोध कर रहे हैं। इनके साहित्य पर दो प्रवक्ताओं, डॉ. उर्मिला व डॉ. पूनम के सम्पादन में पुस्तक डॉ. आरती ‘लोकेश’ की साहित्य सुरभि’ प्रकाशित हो चुकी है। ‘अनन्य यू.ए.ई.’ पत्रिका की मुख्य संपादक होने के साथ-साथ वे अमेरिका, यू.ए.ई. तथा भारत की कई पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं तथा शोध जर्नल की संपादक, सह-संपादक तथा उपसंपादक भी हैं। टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल के विश्वरंग यूएई की निदेशिका तथा विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस के हिंदी दिवस यूएई की समन्वयक होने के अलावा शोधार्थियों को सह-निर्देशन का कार्यभार भी सँभाला हुआ है। यू.ए.ई. के बच्चों की पहली पुस्तक ‘होनहार बिरवान’, यू.ए.ई. के रचनाकारों की पहली हिंदी पुस्तक ‘सोच-इमाराती चश्मे से’ की संपादक हैं। 

इन्हें ‘महाकवि प्रो. हरिशंकर आदेश साहित्य सम्मान’, ‘रंग राची सम्मान’, 'शब्द शिल्पी भूषण सम्मान’, ‘प्रज्ञा सम्मान', ‘निर्मला स्मृति हिन्दी साहित्य रत्न सम्मान’ तथा ‘प्रवासी भारतीय समरस श्री साहित्य सम्मान’ से नवाज़ा गया है। वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स लंडन, भारतीय कौंसलावास दुबई, अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच, वैश्विक हिंदी संस्थान ह्यूस्टन, यू.एस.ए. द्वारा प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया है। हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए ‘शुभ संकल्प एवं हुनर फ़ोक्स एकेडेमी’ तथा शिक्षा क्षेत्र में योगदान के लिए ‘शिक्षा रत्न’ शैक्षिक आग़ाज़ संस्था से तथा ‘हिंदुस्तानी भाषा अकादमी’ द्वारा सम्मानित किया गया है। रेडियो ‘मेरी आवाज़’ द्वारा विश्व की 101 प्रभावशाली महिलाओं में नाम आया है। कविताएँ ‘माँ तुम मम मोचन’, ‘तुम बिन जाऊँ कहाँ’, ‘राधा का ध्यान योग’ तथा कहानियाँ ‘संथारा उत्सव’, ‘फ़िबोनाची प्रेम', ‘श्याम वर्ण के दर्पण’ व बालकथा ‘इल्ली और प्यूपा’ पुरस्कृत रचनाएँ हैं। उनकी अनेक कविताएँ ‘कविता कोश’ पेज पर संकलित हैं। 

प्रकाशित पुस्तकें:
उपन्यास:

  • रोशनी का पहरा (2015)

  • कारागार (2018)

  • निर्जल सरसिज (2022)

  • ऋतम्भरा के सौ द्वीप (2022)

काव्य-संग्रह: 

  • काव्य-रश्मि (2018)

  • छोड़ चले क़दमों के निशाँ (2020) 

  • प्रीत बसेरा (2020) 

कथा संग्रह:

  • साँच की आँच (2021) 

  • कुहासे के तुहिन (2022) 

कथेतर गद्य:

  • कथ्य-अकथ्य (2022) 

शोध ग्रंथ:

  • रघुवीर सहाय के गद्य में सामाजिक चेतना 

यात्रा संस्मरण संग्रह

  • झरोखे (2019)

बाहरी कड़ियाँ:

https://www.amazon.com/author/drartilokesh

https://notionpress.com/author/314504 

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