ज़िन्दगी से लोग इतना डर गए
बलजीत सिंह 'बेनाम'ज़िन्दगी से लोग इतना डर गए
मौत के आने से पहले मर गए
अब सफ़र में चलने वाले साथ हैं
जिनको जाना था वो अपने घर गए
याद तेरी आई जब भी हमनवाँ
मेरे नैना आँसुओं से भर गए
वो परिंदा क़ैद में महफूज़ है
क्या हुआ जो उसके बाल ओ पर गए
शे'र इक होता नहीं बेनाम से
शायरी में मीर क्या क्या कर गए
1 टिप्पणियाँ
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Bahut khoob ,lajwab ,dhero daad Parinda kaid mein mehfooz hai Kya baat hai
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