यह तय है कि प्यार अपना रंग लाएगा
अर्चना अग्रवालयह तय है कि प्यार अपना रंग लाएगा
नम होंगी जब आँखें उनकी
काजल हमारा भी बह जाएगा
यह तय है कि प्यार अपना रंग लाएगा।
सूरज की रोशनी को जब
बादल जब रोकने पे आएगा
अपने हाथों में थाम कर वो हाथ मेरा
घर में कई चिराग जलाएगा
यह तय है कि प्यार अपना रंग लाएगा।
पहचान जब मेरी अधूरी सी होने लगेगी
वो एक नए नाम से मुझे बुलाएगा
यह तय है कि प्यार अपना रंग लाएगा।
मकान तो सैकड़ों हैं इस जहान में
जहाँ रहेंगे हम संग संग
बस वही तो घर कहलायेगा
यह तय है कि प्यार अपना रंग लाएगा।
ज़िन्दगी जब शाम की देहलीज़ पर ठहर जायेगी
उगते सूरज के कई चित्र वो घर में लगाएगा
यह तय है कि प्यार अपना रंग लाएगा।