तू पीठ सीधी रख ओ लड़की!

16-01-2009

तू पीठ सीधी रख ओ लड़की!

शार्दुला नोगाजा (झा) 

तू पीठ सीधी रख ओ लड़की
बस आज ये सिंगार कर ले, 
स्टील, लोहा, सोना, चाँदी
जो मिले, ले रीढ़ मढ़ ले! 
तू पीठ सीधी . . . 
 
आज तू काजल लगा ना
अपनी क़लम स्याही से भर ले, 
झूमर में हैं जो दो सितारे
कर यत्न, आँखों में उतर लें! 
तू पीठ सीधी . . . 
 
गूढ़तम जो प्रश्न होगा
लौटेगा अनुत्तरित समझ ले
ना रामशलाकाप्रश्नावली ये जीवन
तू जी इसे, उत्तरित कर ले! 
तू पीठ सीधी रख ओ लड़की! 

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