तू ही है
अनिकेत तोमर
हर ज़ख्म भी मेरा
जज़्बात तू ही है
तुझे खोया तो जाना
मैंने मेरी औक़ात कितनी है
ख़ुद को समझा था तेरा,
मेरा अब मेरे पास कुछ है ही कहाँ
जो भी है, मेरा सब तू ही है
इश्क़ मुकम्मल यूँ भी हुआ मेरा
तेरे न होने के अहसास में
मेरे पास तू ही है