तू ही है

15-03-2024

तू ही है

अनिकेत तोमर (अंक: 249, मार्च द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

हर ज़ख्म भी मेरा 
जज़्बात तू ही है
तुझे खोया तो जाना 
मैंने मेरी औक़ात कितनी है 
ख़ुद को समझा था तेरा, 
मेरा अब मेरे पास कुछ है ही कहाँ 
जो भी है, मेरा सब तू ही है 
इश्क़ मुकम्मल यूँ भी हुआ मेरा 
तेरे न होने के अहसास में 
मेरे पास तू ही है

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