श्रेष्ठ-दुलारा बेटा

01-11-2024

श्रेष्ठ-दुलारा बेटा

जागृति शुक्ला (अंक: 264, नवम्बर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

माँ बोली, श्रेष्ठ बेटे से, 
तू है मेरी आँखों का तारा। 
इस जग में तू सबसे प्यारा, 
तू ही है मेरा राजदुलारा॥
 
तुम ही हो मम्मी-पापा की शान, 
दादा-दादी के हो अभिमान। 
जब-जब प्यारे तुम होते दूर, 
लटकी रहती मेरी जान॥
 
तुमको पाकर धन्य हुए हम, 
तुममें ही है संसार समाया। 
तबसे ख़ुद को बदला पाया, 
माँ कहकर जब मुझे बुलाया॥
 
है माँ की यही दुआ अब, 
सदैव जीवन में हो तेरे उल्लास। 
कोई भी दुःख ना तुझको छू पाए, 
मस्तमौला तू रहे झक्कास॥
 
तेरे आने से श्रेष्ठ, ये जीवन 
महक उठा है अब हमारा। 
तू ही तो है मेरी आँखों का तारा
माँ-बाप का सदैव दुलारा॥

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