सत्य की पूजा

03-05-2012

 

सत्य की सदैव होती है पूजा इस बात को तुम मान लो। 
असत्य होता चार दिन बस यथार्थ है ये, तुम जान लो। 
 
सत्य ही है जिसको कोई है बदल सकता नहीं
चलता जो साथ सत्य के प्रगति से रुकता नहीं। 
सत्य ही है पथ प्रदर्शक दिल में बस ये ठान लो
सत्य की सदैव होती है पूजा इस बात को तुम मान लो॥
 
साथ सत्य के रहने वाले पाते प्रभु से आशीष हैं
बिन सत्य निर्धन हर कोई सत्य वाले ही रईस हैं। 
जीवन है छोटा सा प्रियवर, अब तो थोड़ा ज्ञान लो
सत्य की सदैव होती है पूजा इस बात को, तुम मान लो॥

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में