नसीब
अमित कुमार लाडीएक भिखारी कह रहा था
अपने छोटे से बच्चे को,
मेरा राजा बेटा बन कर
खा ले, जो है वो खा ले।
आज लिखा था नसीब में अपने ‘लाडी’
बस यही एक रोटी का टुकड़ा,
जो है तेरे हाथ में
खा ले, मेरे बच्चे इसको खा ले।
इससे पहले कि कोई
जानवर आ जाए,
और अपने नसीब का
यह टुकड़ा भी ले जाए,
खा ले बच्चे, इसको खा ले।
जो है तेरे हाथ में,
खा ले, मेरे बच्चे इसको खा ले।